भारत की धरती बनी विदेशियों के लिए संस्कार ग्रहण करने का केंद्र
हरिद्वार,भारतीय रीति रिवाज विदेशियों को भी अपनी ओर कर रहे आकर्षित दो रूसी जोड़े बधें विवाह के बंधन में हरिद्वार भूपतवाला स्थित अखंड प्रेम धाम में रूस से आये दो रशियन जोड़ों भारतीय रीति रिवाज के अनुसार विधि विधान से विवाह के बंधन में बंध गये महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री स्वामी परमानन्द गिरि महाराज के पावन सानिध्य में रूस से आये इलुर और लीया तथा एक अन्य जोड़ा एक साझे विवाह कार्यक्रम में सात जन्मों के बंधन में सनातन परंपरा के अनुसार विवाह कर जन्मो जन्म के लिए बंधन मे बंध गये इस अवसर पर रस से उनके साथ भारी संख्या में परिजन पधारे हुए थे ढोल धमाके नाच संगीत के बीच विदेशी संस्कृति के लोगों ने सनातन संस्कृति मेंसात जन्मों का साथ निभाने की कसमें खाई उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड को पर्यटकों का एक विशेष हब बनाने की ओर कदम पर कदम बढ़ाये चले जा रहे हैं विदेशी संस्कृति के लोगों को भारतीय सनातन परंपरा और भारतीय संस्कृति भा रही है विदेशी दिन प्रतिदिन उत्तराखंड की पावन धरती पर सनातन परंपरा अपनाने के लिये आ रहे हैं हमारे मठ मंदिर आश्रम अखाड़े सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कम पर कदम बढ़ाये चले जा रहे हैं अब भारत की धरती विदेशी लोगों के लिये संस्कार ग्रहण करने का केंद्र बनने के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और सभ्यता रीति रिवाज भी पसंद आने लगे हैं और विदेशी हिंदू रीति रिवाज में जन्मो जन्म साथ रहने की कसमें खाने लगे हैं हालांकि भारत की संस्कृति संपूर्ण विश्व आज अपने के लिए आतुर है प्राचीन काल से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति विदेशियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है जिसे अपनाने की होड़ उन में सदा से रही है