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परिवारवाद के मुद्दे पर मोदी को तेजस्वी की लिस्ट ने बैकफुट पर धकेला!

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना में काफी जूनियर नेता हैं लेकिन ऐसा लगता है कि उनके एक सवाल ने प्रधानमंत्री को इस बात पर मजबूर कर दिया कि वह परिवारवाद के बारे में कुछ न बोलें।

ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवारवाद वाले बयान पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने यह कहा था कि जिनकी संतान नहीं वह परिवार के बारे में क्या जाने। उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने अपने को ‘मोदी का परिवार’ बताने वाला नारा दिया था। यह नारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी टैग किया गया था।

तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमुई में होने वाली सभा से एक दिन पहले यह सवाल किया था कि क्या वह वहां एनडीए के उम्मीदवारों के परिवारवाद के बारे में बात करेंगे क्योंकि वहां की सीट समझौते के तहत चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को मिली है और इस सीट से उनके उम्मीदवार उनके बहनोई और दिवंगत रामविलास पासवान के दामाद अरुण भारती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को जमुई में अपने भाषण में हर तरह के आरोप लगाए लेकिन परिवारवाद पर कुछ बोलने से बचते रहे। यही नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी ऐसा कोई बयान सामने नहीं आया जिसमें उन्होंने परिवारवाद की चर्चा की हो। इससे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में बीजेपी और सहयोगी दलों के परिवारवाद पर सवाल किया था लेकिन तब प्रधानमंत्री ने इसका गोलमोल जवाब दिया था।

लोकसभा की 40 सीटों पर एनडीए की जो पांच पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं उनमें उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छोड़कर बाकी चार दलों के ऐसे उम्मीदवार काफी हैं जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। एनडीए के 35% उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर परिवारवाद का आरोप लगा सकता है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस साल पटना में आयोजित इंडिया गठबंधन की महारैली में 3 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को परिवारवाद के मुद्दे पर घेरा था। पीएम मोदी ने अगले दिन तेलंगाना की रैली में कहा था कि देश की 140 करोड़ जनता ही उनका परिवार है यानी मोदी का परिवार। मोदी के इस ‘मोदी का परिवार’ वाले नारे को भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दालों के नेताओं ने मुहिम का हिस्सा बना लिया।

प्रधानमंत्री की सभा के दिन ही तेजस्वी और राजद ने एक लिस्ट जारी की जिसमें एनडीए के 14 उम्मीदवारों के परिवारवाद की चर्चा थी।

तेजस्वी ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार में प्रथम चरण की चार सीटों का प्रचार करने आएंगे और इन चारों सीटों पर विशुद्ध 𝟏𝟎𝟎 फ़ीसदी परिवारवादी उम्मीदवार हैं। उनके अनुसार, ‘इनमें से दो कथित क्षेत्रीय परिवारवादी पार्टियों के तथा दो उम्मीदवार देश की सबसे बड़ी परिवारवादी एवं वंशवादी नेताओं से भरी पड़ी बीजेपी के हैं।’

जमुई से एनडीए के उम्मीदवार अरुण भारती चिराग पासवान के बहनोई होने के साथ साथ पूर्व एमएलसी ज्योति पासवान के पुत्र भी हैं।

औरंगाबाद से भाजपा के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह पूर्व सांसद राम नरेश सिंह के बेटे हैं। गया से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के एनडीए समर्थित उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष सुमन एमएलसी, मंत्री और अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सुमन की सास ज्योति देवी उनकी ही पार्टी से विधायक हैं।

नवादा लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार विवेक ठाकुर पूर्व भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सीपी ठाकुर के बेटे हैं।

पटना साहिब से बीजेपी के उम्मीदवार व सांसद रविशंकर प्रसाद पूर्व मंत्री व विधायक ठाकुर प्रसाद के बेटे हैं।

तेजस्वी की लिस्ट के अनुसार सासाराम से बीजेपी क उम्मीदवार शिवेश राम पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री मुनिलाल के बेटे हैं।

एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं। उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री व हाजीपुर के पूर्व सांसद रामविलास पासवान को राजनीतिक हलके में कौन नहीं जानता।

समस्तीपुर से चिराग पासवान की लोजपा उम्मीदवार बनीं शांभवी चौधरी नीतीश कुमार के मंत्री व जेडीयू एमएलसी अशोक चौधरी की बेटी और पूर्व मंत्री विधायक स्वर्गीय महावीर चौधरी की पौत्री हैं। शांभवी आचार्य कुणाल किशोर की बहू भी हैं और राजनीति में सीधे टिकट लेकर उतरी हैं।

शिवहर लोकसभा सीट से जेडीयू की उम्मीदवार लवली आनंद पूर्व सांसद आनन्द मोहन की पत्नी तथा विधायक चेतन आनंद की मां हैं। चेतन आनंद शिवहर से आरजेडी के टिकट पर विधायक बने लेकिन 28 जून को उन्होंने आरजेडी से बग़ावत कर दी थी।

वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण) लोकसभा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार सुनील कुमार पूर्व मंत्री व सांसद रहे वैद्यनाथ महतो के बेटे हैं।

पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार संजय जायसवाल के पिता मदन जायसवाल बीजेपी के सांसद रह चुके हैं।

मधुबनी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अशोक यादव पूर्व मंत्री व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे हैं।

 

वैशाली सीट से चिराग पासवान की लोजपा उम्मीदवार वीणा देवी के पति दिनेश सिंह जेडीयू के एमएलसी हैं।

 

सीवान से जेडीयू उम्मीदवार विजयलक्ष्मी के पति रमेश कुशवाहा पूर्व विधायक हैं।

 

इससे पहले बिहार के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया था। उस समय पत्रकारों ने तेजस्वी यादव से प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर टिप्पणी चाही थी तो तेजस्वी यादव ने कहा था कि वह दरअसल सम्राट चौधरी के बारे में परिवारवाद की बात कह रहे हैं। ध्यान रहे कि सम्राट चौधरी पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। वह इस समय बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री भी हैं।

 

ऐसा लगता है कि तेजस्वी की टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमुई की सभा के लिए विशेष तैयारी कर रखी थी। क्या यह माना जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी को भी अब इस बात का एहसास हो गया है कि परिवारवाद के ऊपर उनका हमला दरअसल एनडीए में परिवारवाद पर भी हमला होगा? नरेंद्र मोदी जैसे मजबूत टीम वाले नेता का इस तरह बैकफुट पर जाना तेजस्वी यादव की कामयाबी मानी जा सकती

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