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Election 2024: चुनाव आते ही भगवा कुर्ता और उत्तराखंडी टोपी का क्रेज बढ़ा, पीएम ने बदला ड्रेस कोड का ट्रेंड

आचार संहिता लगने के बाद गांधी आश्रम के खादी उत्पादों की बिक्री में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, हल्द्वानी में गांधी टोपी की जगह उत्तराखंडी टोपी, सफेद कुर्ते की जगह भगवा रंग के कुर्ते की मांग बढ़ी है।

आम चुनाव के दौरान नेताओं का ड्रेस कोड बदल गया है। गांधी टोपी और सफेद कुर्ते की जगह अब रंगीन कुर्ते और ब्रह्मकमल वाली पहाड़ी टोपी ने ले ली है। भगवा गमछे की डिमांड भी चुनावों से पहले बढ़ गई है। नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार में यही ड्रेस कोड प्रत्याशियों और युवा नेताओं में ट्रेंड कर रहा है।

प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से ही गांधी आश्रम में खादी उत्पादों की बिक्री में इजाफा हो गया है। सदर बाजार स्थित गांधी आश्रम में खादी वस्त्रों की बिक्री 25 से 30 फीसदी बढ़ गई है। रंगीन खादी कुर्ता-पायजामा और पहाड़ी टोपी हाथोहाथ बिक रही है। गांधी आश्रम के प्रबंधक प्रमोद कुमार भट्ट ने बताया कि लोग सफेद कुर्ते की जगह रंगीन और भगवा कुर्ते की मांग कर रहे हैं।

भगवा रंग के कुर्ते और गमछे की मांग सबसे ज्यादा है। पारंपरिक सफेद टोपी की जगह पहाड़ी ब्रह्माकमल वाली टोपी ज्यादा डिमांड में है। इन दिनों 20 से 30 टोपी और 10 से 20 कुर्ते रोजाना बिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्रह्मकमल वाली खादी की टोपी की कीमत 350 रुपये है। खादी के कुर्ते और सदरी की कीमत 600 से 800 रुपये तक है।

पीएम मोदी ने बदला ड्रेस कोड का ट्रेंड

गांधी टोपी और सफेद कुर्ता पायजामा नेताओं की पहचान हुआ करता था लेकिन पिछले दिनों उत्तराखंड के दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्मकमल वाली पहाड़ी टोपी पहनी थी। इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी इसी टोपी में नजर आए थे। इससे पूरे देश में उत्तराखंड की ब्रह्माकमल वाली टोपी को अलग पहचान मिली है। कुर्ते में भी भगवा रंग युवाओं की पसंद बन गया है।

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