काली रात के बाद हमेशा सुनहरी सुबह आती है -श्री महंत रवींद्र पुरी

सफलता की राह में चुनौतियाँ और मुश्किलें आना सहज ही है। बहुत बार हम जिस रास्ते पर चल रहे होते हैं, वहाँ हर ओर अंधेरा सा महसूस होता है—कोई रास्ता दिखाई नहीं देता, मंज़िल बहुत दूर नज़र आती है।
ऐसे समय में हौंसले को कायम रखना बहुत ज़रूरी है। हौंसला ही वह शक्ति है, जो हमें गिरने के बाद फिर से खड़े होने की ताकत देता है।
असफलताएँ और कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन वही इंसान आगे बढ़ पाता है जो हर मुश्किल में भी उम्मीद की किरण खोज लेता है।
जिंदगी में कई बार ऐसा महसूस होता है जैसे काली रात कभी खत्म नहीं होगी, जैसे तेज़ आँधी में दिया बुझ जाएगा। लेकिन, यहीं पर हमारे हौंसले और जज्बे की असली परीक्षा होती है।
ऐेसी परिस्थितियों में जो व्यक्ति मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ता है, जिसको अपनी मेहनत और खुद पर विश्वास होता है, उसकी मंजिल कभी दूर नहीं होती। असफलता हमें नई राह दिखाती है, गलतियों से सीखने का मौका देती है।
जब तक मन में विश्वास हो, तब तक कोई भी अंधेरा हमारे रास्ते का अंत नहीं कर सकता। असली हिम्मत तो वही है जो कठिन समय में भी हार न माने। बार–बार गिरकर भी जो आगे बढ़ना नहीं छोड़ता, वह एक दिन सबसे बड़ी मंजिल प्राप्त करता है।
हर सुबह की शुरुआत रात के अंधेरे के बाद होती है। अगर रात न होती, तो सुबह की रौशनी की पहचान भी न होती। इसी तरह, जीवन की चुनौतियाँ हमें मजबूत बनाती हैं, हमारे अंदर छुपा हुआ साहस ज़ाहिर करती हैं।
कुछ लोग रास्तों की मुश्किल देखकर ठहर जाते हैं या हार मान लेते हैं, लेकिन विजेता वे होते हैं जो हर मुश्किल में भी आगे बढ़ने की हिम्मत रखते हैं।
अगर आज मंजिल दूर लग रही है, तो निराश मत होएं। हो सकता है कल कोई नया सवेरा आपका इंतजार कर रहा हो।
इसलिए अपने प्रयास कभी मत छोड़िए और हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहिए।
मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे। हर हर महादेव।



