आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था – श्री महंत रवींद्र पुरी
नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली

रूप चतुर्दशी के इस शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज का दिन दिवाली से एक दिन पूर्व आता है और इसे रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है।
इस दिन स्नान, दीपदान और पूजन का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन प्रातःकाल स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को रूप, सौंदर्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
रूप चतुर्दशी का अर्थ ही है — आत्मा और शरीर दोनों का शुद्धिकरण। जहां एक ओर दीपों का प्रकाश बाहरी जग को आलोकित करता है, वहीं इस दिन किया गई पूजा व्यक्ति के भीतर के अंधकार को भी मिटाने का प्रतीक है।
माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसके जीवन में दैवीय तेज और सौंदर्य का संचार होता है।
आइए, इस रूप चतुर्दशी पर हम सभी अपने जीवन में उजास और सच्चाई का दीप जलाएं। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि सभी के चेहरे पर सदैव मुस्कान बनी रहे, जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सौंदर्य बना रहे।
शुभता का यह पर्व आपके जीवन में नई चमक और आनंद लेकर आए।
रूप चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाएं!
मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे। हर हर महादेव।



