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मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली है: स्वामी राम भजन

हरिद्वार 4 अक्टूबर आज नवरात्रि के दूसरे दिन श्री स्वामी राम भजन जी ने अपने भक्तों के बीच मां की महिमा का उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की आज के दिन पूजा- अर्चना की जाती है। मां का स्वरूप अत्यंत तेजमय और भव्य है। नवरात्र के दूसरे दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होता है। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। इस कारण मां को ब्रह्मचारिणी एवं तपस्चारिणी कहा गया। मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली हैं। मां ब्रह्मचारिणी का पूजन करने से आलस्य, अंहकार, लोभ, असत्य, स्वार्थ व ईर्ष्या जैसी दुष्प्रवृत्तियां दूर हो जाती हैं। मां का स्मरण करने से एकाग्रता एवं स्थिरता आती है। साथ ही बुद्धि, विवेक व धैर्य में वृद्धि होती है। माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है।

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