Blog

LG की मंजूरी फिर भी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना आसान नहीं, जानें कितने हैं पेंच

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को उमर कैबिनेट के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग की गई थी. अब सरकार इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करेगीजम्मू-कश्मीर को इस साल दिसंबर तक पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है. इस बात की चर्चा इसलिए तेज हो गई है क्योंकि शनिवार को उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला कैबिनेट की ओर से पूर्ण राज्य को लेकर पास किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया जाएगा और उसके बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाएगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरकार शीतकालीन सत्र में जम्मू-कश्मीर के स्टेटहुड का प्रस्ताव संसद में ला सकती हैगुरुवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया गया था. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा गया था. उपराज्यपाल ने भी बिना देर किए उमर कैबिनेट के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. अब इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया जाएगा. उमर अब्दुल्ला सरकार की 4 नवंबर से विधानसभा का सत्र भी बुलाया है. विधानसभा में अगर प्रस्ताव पास हो जाता है तो फिर उसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. कानून में करना होगा संशोधन केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कानून में संशोधन करना होगा. इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून पास करके ही केंद्र शासित प्रदेश बनाया था. ऐसे में अब अगर केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए उसे फिर से कानून में संशोधन करना होगा और ऐसा तभी होगा जब संसद के दोनों सत्र चल रहे हो.

Related Articles

Back to top button