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हिंदी मात्र एक भाषा नहीं अपितु भारत की पहचान है: श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज

वन गुज्जरों को लेकर दुष्प्रचार पर लगे रोक-मीर हमजा हरिद्वार, 14 सितम्बर। वन गुज्जर ट्राइबल युवा संगठन के मीर हमजा ने वन गुज्जरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि वन गुज्जर वर्षो से जंगलों में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। जंगलों के संरक्षण संवर्द्धन में वन गुज्जरों की महत्वपूर्ण भागीदारी है। जंगलों में लगने वाली आग को बुझाने में भी वन गुज्जरों की निर्णायक सहभागिता हमेशा ही रहती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा वन गुज्जरों को लेकर भ्रामक तथ्यहीन प्रचार किया जा रहा है। वन गुज्जरों के अधिकारों के प्रति समाज को भ्रमित करने का काम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वनों पर निर्भर समुदायों वन गुज्जर, टोंगिया, घुमुत्तु, अर्ध घुमुत्तु, आदीवासी, वन राजी, खत्ते वासी के अधिकारों व देश की वन्य जीवन के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन गुज्जर हमेशा ही वनों पर आश्रित रह रहे हैं। उनका रहन सहन वनों में ही होता है। मीर हमजा ने कहा कि हमारे पर्वतीय राज्य की अर्थव्यवस्था में वनाश्रित समुदायों का अहम योगदान रहा है। वन संपदा और जंगल के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य के गठन के समय से सभी समुदाय के लोग शांतिपूर्वक रहते आ रहे हैं। लेकिन कुछ लोग भ्रामक विचारों का आदान प्रदान कर सामाजिक सौहार्द, सामाजिक एकता को खंडित करने का काम कर रहे हैं। वन गुज्जरों के हक हकुुक की लड़ाई को सदैव ही लड़ा जाएगा। ब्रिटिश शासन से वन गुज्जरों का इतिहास को दर्शाया भी गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग वन गुज्जरों को लेकर भ्रामक तथ्यहीन बातों को फैला रहे हैं। ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रैसवार्ता में मुन्नीलाल, अमित राठी, शमशाद, मौहम्मद रफी, सुलेमान, सद्दाम, नजाकत अली, इमरान अली, मुस्तफा, अक्का, नूरशाह आलम आदि मौजूद रहे।

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