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परिस्थितियों जीवन की वास्तविक पाठशाला होती है श्री महंत डॉ रविंद्रपुरी

परिस्थितियां जीवन की वास्तविक पाठशाला होती हैं। कोई भी पुस्तक, व्याख्यान या शिक्षक हमें उतना नहीं सिखा सकता, जितना एक कठिन परिस्थिति सिखा देती है।
जब मनुष्य सुख और सुविधा में रहता है, तो उसका विवेक अक्सर सो जाता है, लेकिन जब जीवन उसे संघर्षों से रूबरू कराता है, तब वही व्यक्ति भीतर से जागता है। हर चुनौती के पीछे एक अनमोल शिक्षा छिपी होती है—बस उसे देखने की दृष्टि चाहिए।
जब कोई व्यक्ति कठिनाईयों का सामना करता है, तो उसमें धैर्य, साहस और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। असफलता और परेशानी ही हमें यह सिखाती हैं कि अगली बार क्या गलती नहीं करनी है।
यही कारण है कि दुनिया के महान लोगों ने अपने जीवन की सबसे बड़ी सीखें इसी “परिस्थिति की पाठशाला” से प्राप्त कीं। सबने विपरीत परिस्थितियों में ही अपनी दिशा तय की और दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए।
परिस्थिति हमें परखती भी है और तराशती भी है। यह हमें यह समझने का मौका देती है कि हमारी वास्तविक शक्ति हमारे भीतर ही है।
जब हम कठिन समय में भी सकारात्मक सोच बनाए रखते हैं, तो वही सोच हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है। हर कठिनाई के बाद एक उजाला होता है, बस विश्वास बनाए रखना और अनुभव से सीखना ज़रूरी है।
मनुष्य की असली योग्यता इस बात से नहीं आँकी जाती कि वह कितना योग्य है, बल्कि इस बात से कि संकट के समय वह कितनी सूझबूझ और संयम से काम लेता है।
इसलिए, परिस्थिति की पाठशाला से भागने की बजाय, उससे सीखना ही जीवन का सच्चा ज्ञान है। यही ज्ञान हमें मजबूत, संवेदनशील और आत्मनिर्भर बनाता है। जीवन में कोई भी परिस्थिति व्यर्थ नहीं जाती।
हर अनुभव, चाहे वह सुखद हो या दुखद, हमारे व्यक्तित्व की नींव को और गहराई देता है। जब हम कठिन दौर से गुजरते हैं, तो हमारी सोच, धैर्य और आत्मविश्वास की वास्तविक परीक्षा होती है।
यही क्षण हमें यह सिखाते हैं कि परिस्थिति नहीं, बल्कि दृष्टिकोण बड़ा होता है। यदि हम हर चुनौती को सीखने का अवसर मान लें, तो कोई भी विपरीत समय हमें नीचे नहीं गिरा सकता। परिस्थितियाँ ही हमें परखकर ऊँचाइयों तक पहुँचने योग्य बनाती हैं।
मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे। हर हर महादेव।

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