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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस संस्कृति और संघर्ष के प्रतीक की गाथा =श्री महंत रवींद्र पुरी

उत्तराखंड स्थापना दिवस हमारे राज्य की अस्मिता, संस्कृति और संघर्ष की गाथा का प्रतीक है।
यह दिन हमें उस गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है जब उत्तराखंड के वीर पुरुषों और नारी शक्ति ने अथक संघर्षों के बाद एक अलग राज्य की स्थापना का सपना साकार किया था। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि हमारे आत्मसम्मान और एकता की पहचान है।
हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड, प्रकृति और संस्कृति का अद्भुत संगम है। यहाँ की धरती देवभूमि कहलाती है क्योंकि इसने अनादिकाल से ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों की साधना को अपनी गोद में स्थान दिया है।
गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियाँ यहीं से निकलती हैं और लाखों लोगों के जीवन का आधार बनती हैं। बर्फ से ढके पहाड़, हरी-भरी घाटियाँ, और शांत झीलें इस प्रदेश को स्वर्ग सा सौंदर्य प्रदान करती हैं।
उत्तराखंड की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है। कुमाऊं और गढ़वाल की संस्कृति, लोककला, और परंपराएँ एक दूसरे में खूबसूरती से घुली-मिली हैं।
लोकगीतों में जीवन के हर रंग की झलक मिलती है—खुशी, पीड़ा, प्रेम, और उम्मीद की। लोकनृत्य झुमेलो, छपेली, चांचरी और रामोला यहाँ के लोगों के उत्साह और एकता के प्रतीक हैं।
पारंपरिक परिधान और आभूषण, चाहे वह पिचौरा हो, नथुली हो या अंगोठीदार टेप, पहाड़ी संस्कृति की गरिमा को दर्शाते हैं।
उत्तराखंड की वाणियाँ—गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी, थारू—इस प्रदेश की आत्मा से जुड़ी हैं। इन बोलियों में केवल शब्द नहीं, बल्कि भावनाएँ, परंपराएँ और लोकजीवन की गहराई छिपी होती है।
उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन जैसे झंगोरा की खीर, भांग की चटनी, आलू के गुटके और मंडुआ की रोटी लोगों की जीवनशैली की पहचान हैं।
धार्मिक दृष्टि से भी उत्तराखंड का अपना विशेष स्थान है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे पवित्र धाम इस प्रदेश की पवित्रता का प्रमाण हैं। वहीं हेमकुंड साहिब, टनकपुर का मां पूर्णागिरि धाम, हरिद्वार का हर की पौड़ी और देवप्रयाग के संगम जैसे धार्मिक स्थल श्रद्धा के केंद्र हैं।
यहाँ के मेले और त्यौहार जैसे नैनीताल की बोटिंग फेस्टिवल, गंगा दशहरा, हरेला, फुलदेई हमारे जनजीवन में खुशियों का रंग भरते हैं।
उत्तराखंड के लोगों का जीवन सादगी, मेहनत और आत्मसम्मान से भरा है। यहाँ का हर नागरिक अपनी संस्कृति पर गर्व करता है और अपनी मातृभूमि की सेवा को अपना धर्म मानता है।
आज उत्तराखंड शिक्षा, पर्यटन, औद्योगिक विकास, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रहा है।
उत्तराखंड स्थापना दिवस के इस पावन अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ।
आइए, हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि हम इस देवभूमि की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजते हुए इसे समृद्धि, शांति और विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँ। हमारा उत्तराखंड सदा हरा-भरा, खुशहाल और उज्जवल बने—यही हमारी कामना है।
मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे। हर हर महादेव।

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