विश्व हिंदू परिषद ने हरिद्वार में षष्ठीपूर्ति स्थापना वर्ष समापन कार्यक्रम का किया आयोजन
विश्व हिंदू परिषद ने हरिद्वार में षष्ठिपूर्ति स्थापना वर्ष समापन कार्यक्रम का आयोजन किया हरिद्वार, 29 अगस्त 2024: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अपने षष्ठिपूर्ति स्थापना वर्ष के समापन के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मध्य हरिद्वार प्रखंड के पाल मेंशन, जमुना टॉकीज की गली, रानीपुर मोड़ में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध उद्योगपति और वरिष्ठ समाजसेवी मा. जगदीश लाल पाहवा जी ने की, जबकि परम पूजनीय स्वामी रवि देव शास्त्री जी महाराज (महंत, श्री गरीबदासी आश्रम, हरिद्वार) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। विहिप के प्रांत सेवा प्रमुख श्री अनिल भारती जी ने मंच का संचालन किया और संगठन के समाज सेवा में योगदान की सराहना की। केंद्रीय मंत्री माननीय आनंद हरबोला जी ने अहिल्याबाई होल्कर के 300 वर्ष पूरे होने पर विचार व्यक्त किए और विहिप द्वारा पिछले 60 वर्षों में किए गए सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संपर्क प्रमुख मा. रोहिताश्व कंवर जी ने हिंदू एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि विहिप ने समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इस एकता को बनाए रखना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। पतंजलि योगपीठ की डॉ. आरती पाल जी ने अपने संबोधन में अहिल्याबाई होल्कर जी के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके द्वारा किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि किस तरह अहिल्याबाई होल्कर ने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ समाजसेवी श्री विजयपाल सिंह जी, जो पर्यावरण प्रेमी भी हैं, ने भी अपने विचार और आशीर्वचन दिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और समाज को प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए प्रेरित किया। उनके विचारों ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण के प्रति अधिक संवेदनशील होने की प्रेरणा दी। विहिप के प्रखंड मंत्री, श्री राजीव त्यागी ने कार्यक्रम की व्यवस्था की और सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में हरिद्वार और आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। सभी अतिथियों ने संगठन के कार्यों की सराहना की और समाज सेवा में निरंतर योगदान के लिए प्रेरित किया।