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रैली vs रैलीः मोदी मेरठ से इंडिया गठबंधन को 31 मार्च को जवाब देंगे, जयंत साथ होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मार्च को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के अभियान की शुरुआत मेरठ से करेंगे, जहां वह एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे। असल में पीएम की रैली पहले 30 मार्च को रखी गई थी और उसकी घोषणा भी भाजपा नेता कर चुके थे। लेकिन चूंकि विपक्ष की रैली 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में हो रही है और उसे बड़ा मीडिया कवरेज मिलने वाला था। इसलिए पीएम की रैली की तारीख अब 31 मार्च कर दी गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने पुष्टि की है कि मेरठ में मोदी की रैली 31 मार्च को ही है।

भाजपा ने 80 के दशक में रामानंद सागर की रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को मेरठ से मैदान में उतारा है, जिन्होंने अयोध्या मंदिर पर एक संदेश दिया था, जिसका उद्घाटन इस साल की शुरुआत में हुआ था। रामायण में राम का चरित्र निभाने वाले अरुण गोविल के लोकसभा क्षेत्र को प्रतीक के रूप में रखा गया है। भाजपा के इस कदम से लगता है कि वो यूपी में अपने अभियान को राम और अयोध्या को केंद्र में रखकर चलाएगी।

 

पहेल चुनावों में असफलताओं का सामना करने के बावजूद, भाजपा अपने दम पर 370 सीटों के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पश्चिमी यूपी पर पूरी उम्मीदों के साथ नजर रख रही है। 2014 में, भाजपा ने क्षेत्र की 27 में से 24 सीटें हासिल कीं, जो 2019 में घटकर 19 रह गईं। सभी आठ सीटें संयुक्त रूप से एसपी-बीएसपी के खाते में चली गईं।

2019 में, भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार हाजी याकूब कुरेशी को 5,000 से भी कम वोटों के मामूली अंतर से हराकर मेरठ सीट हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी।

 

2014 में भाजपा ने राज्य में 71 सीटें हासिल कीं। हालाँकि, 2019 में, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच एक मजबूत गठबंधन का सामना करते हुए, सत्तारूढ़ गठबंधन की सीटों की संख्या 64 हो गई। बसपा को 10 सीटें हासिल होने के बावजूद, सपा पांच से आगे जाने में नाकाम रही।

राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम तेज हैं लेकिन भाजपा एक मजबूत गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। आरएलडी, एसबीएसपी, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी जैसे दलों को शामिल करके भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। दूसरी ओर, जहां समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विपक्षी गुट के साथ गठबंधन किया है, वहीं मायावती अकेले चुनावी यात्रा पर निकल पड़ी हैं।

 

यूपी में सातों चरणों में वोट डाले जाएंगे। पहला चरण और दूसरे चरण का मतदान 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होगा। इसके बाद, राज्य में एक बार फिर 7 मई और 13 मई को तीसरे और चौथे चरण में मतदान होगा। चरण पांच, छह और सात में मतदान क्रमशः 20 मई, 23 मई और 1 जून को होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

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