Champions Trophy के लिए भारत की डिमांड नहीं मानेगा पाकिस्तान, PCB के बॉस ने दी गीदड़ भभकी
चैंपियंस ट्रॉफी अगले साल की शुरुआत में पाकिस्तान की मेजबानी में खेली जाएगी. इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करेगा या नहीं ये अभी तक साफ नहीं हुआ है. इन सब के बीच पीसीबी के हेड मोहसिन नकवी ने टीम इंडिया के पाकिस्तान ना आने को लेकर गीदड़ भभकी थी।चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में 3 महीने से थोड़ा ही ज्यादा वक्त बचा है लेकिन अभी भी सबसे बड़े मुद्दे का हल नहीं निकल पाया है. क्या टीम इंडिया इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान जाएगी? इस सवाल पर पिछले साल से ही टकराव जारी है और ताजा स्थिति ये है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इसको लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को धमकी देने पर उतर आया है. भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान न जाने और अपने मुकाबले किसी अन्य देश में खेलने की रिपोर्ट के बाद पाकिस्तानी बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने कहा है कि उन्हें बीसीसीआई या आईसीसी की ओर से कोई लेटर नहीं मिला है. नकवी ने साथ ही कहा है कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आती है तो वो भी पाकिस्तान से कुछ अच्छे की उम्मीद न करें. पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया! शुक्रवार 8 नवंबर को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पीसीबी को साफ-साफ कह दिया कि टीम इंडिया को टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि बीसीसीआई ने टीम की सुरक्षा का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार किया और साथ ही भारत के मैच दुबई में आयोजित करने की मांग की है. यानि पिछले साल के एशिया कप की तरह चैंपियंस ट्रॉफी भी हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित की जाए. PCB अध्यक्ष मोहसिन नकवी का बड़ा बयान इस रिपोर्ट के सामने आने के कुछ ही देर बाद पीसीबी के हेड मोहसिन नकवी ने लाहौर में मीडिया से बातचीत की. मोहसिन नकवी ने कहा, ‘मुझे लिखित में कुछ भी नहीं मिला है. अगर हमें लिखित में कुछ मिलता है, तो मैं तुरंत इसे आपके और सरकार के साथ साझा करूंगा और फिर हम तय करेंगे कि क्या करने की जरूरत है. पिछले दो महीनों से भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं आएगी. हमारा रुख स्पष्ट है, अगर उन्हें कोई समस्या है तो उन्हें हमें लिखित में अपना रुख बताना चाहिए. अभी तक हमने हाइब्रिड मॉडल के बारे में कुछ नहीं सुना है और हम इस बारे में सुनने के लिए तैयार भी नहीं हैं.’