इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों ने भूकंप के दौरान किए जाने वाले राहत एवं बचाव कार्यो का अभ्यास किया

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निर्देशन में इंडियन रेडक्रॉस सचिव डा.नरेश चौधरी के संयोजन में गत दिवस भूकंप जैसी आपदा के दौरान उठाए जाने वाले राहत व बचाव अभियान की मॉकड्रिल की गयी। मॉकड्रिल में स्वयंसेवकों ने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए आपदा आने पर किस प्रकार प्रशासन का सहयोग किया जाएगा, का अभ्यास किया और भूकंप एवं अन्य आपदाओं के दौरान दायित्वों के निर्वहन के तहत चुनौतीपूर्ण कार्यों की तैयारियों को परखा।
समीक्षा के उपरांत जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने डा.नरेश चौधरी एवं इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों की सराहना करते हुए कहा कि आपदा के दौरान कार्य करने वाले सभी संबंधित विभागों के साथ स्वयंसेवकों की भी अहम चुनौती पूर्ण भूमिका होती है। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जब भी कोई दैवीय, प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं से जनमानस प्रभावित हुआ है। इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों ने अग्रणी रहकर जनमानस को उत्कृष्ट एवं समर्पित सेवा दी है।
जिसका उदाहरण गत वर्षाे में आई कोविड-19 जैसी वैश्विक आपदा तथा 2013 में केदारनाथ जैसी भयानक आपदा भी है। जिसमें इंडियन रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों द्वारा इंडियन रेडक्रॉस सचिव डा.नरेश चौधरी के नेतृत्व में ही पूर्णतया समर्पित होकर सेवा कार्यो में उत्कृष्ट योगदान दिया। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि किसी भी आपदा को रोका नहीं जा सकता, परंतु स्वैच्छिक संस्थाओं के स्वयंसेवकों तथा अधिक से अधिक जनसहभागिता से कम किया जा सकता है।
डा.नरेश चौधरी ने अवगत कराया कि आपदा की मॉकड्रिल के अंतर्गत रेड क्रॉस स्वयंसेवकों ने भी सभी घटनास्थलों पर बिना समय गंवाए शीघ्रता से पहुंचकर प्रभावित जनमानस को यथासंभव प्राथमिक उपचार देकर घायलों को शीघ्र अतिशीघ्र अस्पताल पहुंचवाने में सक्रिय सहभागिता की तथा समय से कुछ घायलों को सीपीआर (कार्डियो पलमोनरी रिसेसियेशन) दिल की धमनी को पुनः चालू करना, कृत्रिम स्वांस देने के उपरांत प्राथमिक उपचार देते हुए समय से चिकित्सालय पहुंचाने में सहयोग किया।
मॉक अभ्यास में सम्मिलित ऑब्जर्वर्स द्वारा भी इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों की सक्रिय सहभागिता की सराहना की गई। मॉकड्रिल के दौरान इंडियन रेडक्रॉस स्वयंसेवकों में मुख्य रूप से दिशा विश्वकर्मा, आंचल भैसोडा, हिमानी बिष्ट, ईशिता चौहान, अफसीन ईराम, शानिया सिद्दकी, लायबा नूर, शिवानी रावत, प्रतीक्षा गंगवार, प्रियांशी मलियान एवं पूनम आदि स्वयंसवेक शामिल रहे।