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अहोई अष्टमी का व्रत और पूजन करने से शीघ्र संतान की प्राप्ति होती है: स्वामी राम भजन वन

हरिद्वार,23 अक्टूबर स्वामी राम भजन जी महाराज ने अपने श्री मुख से भक्तजनों को बताया कि कल यानी 24 अक्टूबर को अहोई अष्टमी मनाई जाएगी. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 25 अक्टूबर को देर रात 1 बजकर 58 मिनट पर खत्म हो जाएगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है.अहोई अष्टमी की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है। अत: इस व्रत का उद्देश्य अपने बच्चों की सलामती और लंबी उम्र, खुशहाली भरा जीवन तथा तरक्की हो इसी आशा के साथ महिलाएं निर्जला रहकर यह उपवास रखती हैं और अहोई माता की पूजा करती हैं और शाम के समय तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. ऐसा करने से जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है. अहोई अष्टमी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व माना गया है. इस व्रत को करने से संतान का जीवन खुशहाल होता है और उसकी उम्र भी लंबी होती है. इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान की हर तरह के रोगों से रक्षा होती है. साथ ही स्याऊं माता बच्चों का भाग्य बनाती हैं और उनको हर बुरी नजर से बचाती हैं. इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और बच्चे करियर में खूब तरक्की करते हैंl अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा, अहोई अष्टमी का व्रत रखकर अहोई माता की पूजा करने से शीघ्र संतान की प्राप्ति होती है.

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