मोदी की मेरठ रैली से पहले यूपी को लेकर कांग्रेस ने किए सवाल
कांग्रेस ने रविवार 31 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर “होशियारीभरी चुप्पी” बनाए रखने का आरोप लगाया। यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने महिलाओं, किसानों और युवाओं को गर्त में धकेल दिया है। प्रधानमंत्री की मेरठ रैली से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से उनसे सवाल पूछे।
रमेश ने कहा, अपने वास्तविक इरादों को उजागर करने से बचने के लिए, उन्होंने अब तक इन प्रमुख मुद्दों पर “चुप्पी” साधे रखी है और उन मुद्दों को प्राथमिकता दी है जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री से सुनने की उम्मीद कर रहे हैं।
रमेश ने कहा- “सार्वजनिक रूप से, पीएम मोदी महिला सशक्तिकरण और ‘नारी शक्ति’ के बारे में बात करना पसंद करते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के भीतर भी भारतीय महिलाओं को बार-बार निराश किया है। अभी दो हफ्ते पहले, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं का हवाला देते हुए पार्टी छोड़ दी थी। उनका ‘अपमान’ किया जा रहा था और उनके साथ ‘गलत व्यवहार’ किया जा रहा था।”
उन्होंने दावा किया, “एक अन्य महिला नेता, यूपी के मुरादाबाद में महिला मोर्चा की अध्यक्ष, पर स्थानीय नेताओं द्वारा शारीरिक हमला किया गया और उन्हें इंसाफ मांगने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेने के लिए मजबूर किया गया।” रमेश ने आरोप लगाया कि जब भारत की महिला पहलवानों ने पिछले साल न्याय के लिए लड़ाई लड़ी, तो मोदी सरकार अपनी राजनीतिक के लिए उन्हें धोखा देने वाली पहली सरकार थी।
उन्होंने पूछा, ” क्या मोदी अंततः अपनी विफलताओं को स्वीकार करेंगे और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया, ”कल (शनिवार), मोदी सरकार ने भारत के किसानों के दो चैंपियनों – चौधरी चरण सिंह और डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया। भले ही प्रधानमंत्री इन दोनों नेताओं के बारे में सिर्फ दिखावा करते हैं, लेकिन उन्होंने किसानों को लगातार निराश किया है।”
रमेश ने दावा किया कि 2014 में, मोदी अक्सर स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने का वादा करते थे, लेकिन तब से, उन्होंने रिपोर्ट को “कोल्ड स्टोरेज” में डाल दिया है, और भारत के किसानों द्वारा अपने अधिकारों और आजीविका के लिए विरोध करने के प्रयासों को दबा दिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने गारंटी दी है कि वह स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी को कानूनी दर्जा देगी। रमेश ने पूछा “प्रधान मंत्री का उसी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर क्या रुख है जिसे वह कभी प्रचारित करते थे?”
परीक्षा पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए, रमेश ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में, पिछले कुछ वर्षों में देश भर में सरकारी पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाओं के कम से कम 43 पेपर लीक हुए हैं, जिससे कम से कम दो करोड़ उम्मीदवारों की संभावनाएं प्रभावित हुई हैं।
उन्होंने कहा- “हाल ही में, पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने से यूपी पुलिस परीक्षा के 60 लाख आवेदकों का भविष्य खराब हो गया। ये सिर्फ संख्याएं नहीं हैं – ये भारत के युवाओं की आशाएं और सपने हैं जो अधर में लटके हुए हैं।”
रमेश ने कहा, अपनी युवा न्याय गारंटी के तहत, कांग्रेस मजबूत कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है जो पेपर लीक को रोकने के लिए संस्थानों और सर्वोत्तम प्रकियाओं को तैयार करेगा। उन्होंने पूछा- “हमारे युवाओं को हुए नुकसान को पूरा करने के लिए मोदी का नजरिया क्या है? भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार अपनी गलतियों को सुधारने और यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रही है कि हमारे युवाओं को फिर कभी इस तरह के अन्याय का सामना न करना पड़े?” उन्होंने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ने को कहा।