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फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा एवं पंचमी पर शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा करने का महत्व :श्री महंत रवींद्र पुरी

फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा एवं पंचमी पर शिवजी के नागेश्वर रूप की पूजा करने का महत्व बताया गया है। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्य देव की पूजा विष्णु रूप में की जाती है। एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसके अगले दिन गोविंद द्वादशी व्रत होता है। इस हफ्ते ही होली से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। इन दिनों किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है।
होलाष्टक कब से
इस महीने 27 तारीख को शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाएगा। जो कि 7 मार्च को होलिका दहन के बाद खत्म हो जाएगा। होलाष्टक शुरू होते ही मांगलिक कामों में रोक लग जाएगी। इन 8 दिनों में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाएंगे। इन दिनों भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करने से किसी भी तरह का अशुभ नहीं होता।
चंद्र देव का प्राकट्य
फाल्गुन महीने का शुक्ल पक्ष चंद्र देव की आराधना के लिए सबसे अच्छा माना गया है, क्योंकि ग्रंथों के मुताबिक माना जाता है कि चंद्रमा की उत्पति महर्षि अत्रि और उनकी पत्नी अनुसूया की संतान के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा को ही हुई थी। इसलिए फाल्गुन को चंद्रमा का जन्म माह माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार चंद्र का दिन सोमवार है और उन्हें जल तत्व का देव भी कहा जाता है। चंद्रमा का जन्म फाल्गुन मास में होने के कारण इस महीने चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है। इसलिए ही इसी माह में समारोह पूर्वक चंद्रोदय पर विशेष पूजा की जाती है। शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।